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Showing posts from July, 2023

पीली सरसों की खेती

  पीली सरसों की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान पीली सरसों की खेती के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए तथा इसके बाद 2-3 जुताइयां देशी हल, कल्टीवेटर/हैरों से करके पाटा देकर मिट्टी को भुरभुरी बना लेना चाहिए। बीज जनित रोगों से सुरक्षा के लिए उपचारित एवं प्रमाणित बीज ही बोना चाहिए। उर्वरक का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के बाद करना चाहिए। इसलिए किसान संभव हो तो अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करा लेना चाहिए ताकि मिट्टी में पोषक तत्व की कमी का पता चल सके जिससे उसमें सुधार किया जा सके। पीली सरसों की बुवाई देशी हल से करना करनी चाहिए। इससे बीज अच्छी तरह मिट्टी में जम जाता है। फूल निकलने से पूर्व की अवस्था में इसकी सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। इससे अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। इसकी खेती के दौरान यदि खरपतवारनाशी रसायन का प्रयोग न किया गया हो तो खुरपी से निराई कर खरपतवारों का नियंत्रण करना चाहिए। 

Yellow Mustard Farming

  पीली सरसों की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान पीली सरसों की खेती के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए तथा इसके बाद 2-3 जुताइयां देशी हल, कल्टीवेटर/हैरों से करके पाटा देकर मिट्टी को भुरभुरी बना लेना चाहिए। बीज जनित रोगों से सुरक्षा के लिए उपचारित एवं प्रमाणित बीज ही बोना चाहिए। उर्वरक का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के बाद करना चाहिए। इसलिए किसान संभव हो तो अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करा लेना चाहिए ताकि मिट्टी में पोषक तत्व की कमी का पता चल सके जिससे उसमें सुधार किया जा सके। पीली सरसों की बुवाई देशी हल से करना करनी चाहिए। इससे बीज अच्छी तरह मिट्टी में जम जाता है। फूल निकलने से पूर्व की अवस्था में इसकी सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। इससे अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। इसकी खेती के दौरान यदि खरपतवारनाशी रसायन का प्रयोग न किया गया हो तो खुरपी से निराई कर खरपतवारों का नियंत्रण करना चाहिए। 

सरसों की खेती

#अलवर_का_प्रसिद्ध_सरसों_बीज  सरसों की खेती (Mustard farming) मुख्य रूप से भारत के सभी क्षेत्रों पर की जाती है। सरसों की खेती (Mustard farming) हरियाणा, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, उत्‍तर प्रदेश बिहार महाराष्‍ट्र की एक प्रमुख फसल है। यह प्रमुख तिलहन फसल है। सरसों की खेती (Mustard farming) खास बात है की यह सिंचित और बारानी, दोनों ही अवस्‍थाओं में उगाई जा सकती है। सरसों की खेती से अच्छी पैदवार के लिए बारानी क्षेत्रों में सरसों की बुवाई 25 सितम्बर से 15 अक्टूबर तथा सिचिंत क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच करनी चाहिए।

Mustard Farming

Mustard Farming   -    सरसों की खेती उन्नत सरसों बीज - HM - 69 यह हाइब्रिड सरसो में बहुत ही अच्छी किस्म मानी जाती है। इसकी जो शानदार विशेषता है वो यह है की इसकी शाखाओ से फलियों की संख्या ज़्यादा निकलती है। और एक फली में 14 से 16 स्वस्थ दाने पाए जाते है। पकने का समय 120 से 125 दिन। पौधे की ऊंचाई 158 से 180 cm होती है। और इसकी उपज 12 से 15 कुंतल प्रति एकड़ होती है। और तेल 42% तक पायी जाती है। राजस्थान, पंजाब, हरयाणा, उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश, इन राज्यों में इसकी खेती की जा सकती है। इस किस्म की खास बात है की यह सिंचित और बारानी, दोनों ही अवस्‍थाओं में उगाई जा सकती है। सरसों की खेती से अच्छी पैदवार के लिए बारानी क्षेत्रों में सरसों की बुवाई 25 सितम्बर से 15 अक्टूबर तथा सिचिंत क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच करनी चाहिए।