📍गेहूं में जिंक का प्रयोग कैसे और कब करें :-
गेहूं की फसल में ज्यादातर किसान जिंक का प्रयोग नहीं करते। गेहूं में सल्फर अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता हैं। भारत में 40% से अधिक जमीनों में जिंक की कमी पाई जाती है। जिंक एक ऐसा तत्व है, जिसको आप साल में अगर एक बार भी अपनी जमीन में डाल लेते हैं। तो उसको दोबारा डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती। अगर अपने धान में जिंक का प्रयोग किया है, तो आपको गेहूं में जिंक डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन अगर आपको गेहूं के पौधे में जिंक की कमी देखने को मिलती है, तो आप गेहूं में जिंक का प्रयोग कर सकते है।
🔹गेहूं में जिंक के कार्य:-
जिंक पौधों के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होती है। जिंक की पौधे को कम मात्रा में आवश्यकता पड़ती है, लेकिन पौधे की बढ़वार, हरापन और कल्लों के फुटाव के लिए जिंक सबसे जरूरी तत्व माना जाता है। जिंक ऐसा तत्व है, जिसको अगर आप एक बार डाल देते हैं। तो जिंक को 5% से 10% ही पौधा ले पता है। अगर आप जिंक डालते हो तो आपो ग्रोथ प्रमोटर डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
🔹गेहूं में जिंक की कमी के लक्षण:-
जिंक की कमी से गेहूं के पौधों की बढ़वार रुक जाती है। गेहूं में जिंक की पहचान करना बहुत मुश्किल कार्य होता है। लेकिन फिर भी गेहूं में जिंक की कमी की पहचान आप गेहूं की पतियों से कर सकते है। जिंक की कमी से गेहूं की पत्तियां समानांतर पीली पड़ जाती हैं, और नशे हरी रहती हैं। जिंक की कमी वाले पौधे दूसरे पौधों के मुकाबले छोटे होते हैं। जिंक की कमी सीमित क्षेत्र में पायी जाती हैं।
🔹गेहूं की फसल में जिंक की मात्रा:-
गेहूं की फसल में वैसे तो जिंक हमें बुवाई के समय ही प्रयोग करनी चाहिए। क्योंकि पौधे को बहुत कम मात्रा में जिंक की आवश्यकता पड़ती है। और यह धीरे-धीरे पौधा इसको लेता रहता है। लेकिन जो किसान भाई पहले बुवाई के समय जिंक नहीं डालते है। और उन्हें लगता है, कि उनके खेत में जिंक की कमी है तो वह जिंक सल्फेट 33% की 6kg मात्रा प्रति एकड़ या फिर जिंक सल्फेट 21% 10kg मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया के साथ मिलकर पहले पानी पर डाल सकते हैं। जो किसान भाई जिंक को सीधी जमीन में नहीं डालना चाहते। वह जिंक को स्प्रे के माध्यम से भी दे सकते हैं। स्प्रे में 800 ग्राम जिंक 33% को आप 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ स्प्रे कर सकते हैं। या फिर चेल्टेड जिंक की 150g मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग कर सकते है।
नोट- किसान भाई अपनी गेहूं की बिजाई करने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करा लें। ताकि मिटटी में तत्वों की मात्रा का पता लगा सके कि किस चीज की कमी मिट्टी में अधिक मात्रा में है। किसान भाई मिटटी में तत्वों की हिसाब से ही अपनी गेहूं की फसल में खादों और नुट्रिएंट्स का प्रयोग किया जा सके। और कम खर्च में अधिक पैदावार ले सकते है।
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